The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets: thespiritofghazals
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मेरी असली मोह्बत..✍

8 years ago 0
हम ने तो किया था सब से मोह्बत  ना जाने मेरी असली मोह्बत कोन थी सब से जा जा कर पूछ लिया ग़ालिब ओ भी नहीं बता पाये की मेरी असली मोह्बत...
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​*मैं और वो*....✍

8 years ago 0
गुलमोहर की  ठंडी छांव में , लहराता सिमटता सा आंचल , और उसकी आँखें भाव विह्वल । मेंहदी रचे पांव , पायल के बजते घुंघरू हमारी नजरों ...
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अपने घर के बड़े..✍

8 years ago 0
​ये जो "छोटू" होते हैं न ? जो चाय दुकानो या होटलों  वगैरह में काम करते हैं --- वास्तव में ये अपने घर के  "बड़े...
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