गुलमोहर की ठंडी छांव में ,
लहराता सिमटता सा आंचल ,
लहराता सिमटता सा आंचल ,
और उसकी आँखें भाव विह्वल ।
मेंहदी रचे पांव , पायल के बजते घुंघरू
हमारी नजरों की शरमाती बातें ,
आमने - सामने, रू ब रू ।
मदमस्त फागुनी हवायें,
उनमें घुले गुलाल के रंग,
और हमारा हंसना पागलपन के संग।
पतझड की सूखी टहनियां,
पर्वतों में खोते रास्ते,
उसके माथे पर लकीरें ,दूसरों के वास्ते।
मेरी आँखों का नादान वृंदावन,
उसकी आँखों का सयाना बचपन ,
बीच में झूलती हमारे रिश्ते की उलझन -सुलझन।
मेरा दिखावा नासमझी का ,
समझना उसका मेरी खामोश बातें।
मेरे नोंक -झोंक भरे दिन,
उसकी रूमानी रातें।
एक मैं और एक वो
एक दूजे में खोते
एक दूजे में संपूर्णता पाते।।।।
.... कुमार शशि®™.....
#dedicated ♡My Love♡
#_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡
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