वो शख़्स धीरे धीरे साँसों में आ बसा है....✍ Unknown 8 years ago 0 बन के लकीर हर इक, हाथों में आ बसा है वो मिले थे इत्तेफ़ाक़न हम हंसे थे इत्तेफ़ाक़न अब यूं हुआ के सावन आँखों में आ बसा है काफ़ी थे चंद लम... Read More
Heart Touching Shayari
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