​मेरा खुद का जमीर कहता है मुझे थोड़ा और अमीर कर...✍ - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
​मेरा खुद का जमीर कहता है मुझे थोड़ा और अमीर कर...✍

​मेरा खुद का जमीर कहता है मुझे थोड़ा और अमीर कर...✍

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​मेरा खुद का जमीर कहता है मुझे थोड़ा और अमीर कर !
अपने दिल पर हाँथ रखकर अपने जमीर को और जमीर कर 
कश्तियाँ डूब जाऐं भँवर-ऐ-जिंदगी में, तो क्या !
न मिले गर साथ कोई सफर-ऐ-जिंदगी में, तो क्या !!
अपनी कश्तियों को हमने खुदा के भरोसे छोड़ा है !
माँझी बनकर उस खुदा ने मेरा साथ भी कब छोड़ा है !!
एक बार दिल से सच्ची यदि, उस खुदा की बंदगी हो जाऐगी 
मेरी यकीन मानो आप भी, सारी दुनियाँ से मोहब्बत हो जाऐगी !!
... कुमार शशि..... 
#_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡

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