हर ख़ुशी अपनी मुझमें ढूँढ लेती है
मेरी माँ मुझमें अपनी ज़िन्दगी ढूँढ लेती है
मेरी माँ मुझमें अपनी ज़िन्दगी ढूँढ लेती है
हर लम्हा मुझपर वार कर अपना,
मेरी माँ अपनी ज़िन्दगी जी लेती है
मेरी एक आह पे दर्द, वो महसूस करती है
और खुद ज़िन्दगी के हर एक ज़ुल्म हँस के सह जाती है
हैरानी होती है मुझे , कहाँ से वो ऐसी शक्ति लाती है
शायद इसलिए ज़मीन पर माँ खुदा कहलाती है
अपने अरमानों को आँखों में पिरोती है,
मेरी मुस्कान से ही अपने अरमानों को पूरा हुआ पाती है
हर एक सांस पर सिर्फ मेरा ख्याल कैसे कर लेती हो माँ
तुम ये नायाब हुनर कहाँ से लाती हो माँ
खुदा का बख्शा खूबसूरत नगीना है तू
तेरे बिना, तो मैं कुछ भी नहीं
हर पल तेरे अांचल का साया रहे मुझपे
बिन तेरे, मेरी ज़िन्दगी का कोई मायना नहीं
.... कुमार शशि..... #dedicated ♡ MaA ♡ #_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡
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