सज़दे में इस सर को झुकाना पड़ता है
सबको अपने दिल में बसाना पड़ता हैं
सबको अपने दिल में बसाना पड़ता हैं
प्यार मुहब्बत दिखने में ही आसां है
इस दरिया में डूब के जाना पड़ता है
नेकी हो दिल में दरियादिल हो अपना
नर्क बदी से सबको जाना पड़ता है
आदम ही आदम के बन बैठे दुश्मन
अब सांसों का मोल चुकाना पड़ता है
दुनिया कितनी सच्ची हैं तुम ये देखो
रिश्ता अब झूठो से निभाना पड़ता है
साज़िश करके क्या तुमको हासिल होगा
करके साज़िश फिर पछताना पड़ता है
बस मौका हमको मिल ना पाया यारों
जब यारों पर जां को लुटाना पड़ता है
कर लो तुम भी इश्क़ सभी से कुमार जी
इसमें दाव पे जां को लगाना पड़ता हैं
..... कुमार शशि.....
.✍. Meri Qalam Mere Jazbaat ♡
.✍. Meri Qalam Mere Jazbaat ♡
- #Dedicated ♡ My Love ♡
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