मेरे जीने की वजह..मेरी ज़िन्दगी की ज़रूरत हो तुम..✍ - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
मेरे जीने की वजह..मेरी ज़िन्दगी की ज़रूरत हो तुम..✍

मेरे जीने की वजह..मेरी ज़िन्दगी की ज़रूरत हो तुम..✍

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ख़ुदा की बख़्शी इनायत हो तुम
जो कभी न छूटे वो आदत हो तुम
मुझको पूरा करती है मोहब्बत तुम्हारी
जो कभी न ख़त्म हो वो इबारत हो तुम।
मुझे तुमसे जीने का सलीका आया है
मेरी हरेक सांस की डोर हो तुम।
मुझे संभाल लोगे ,भरोसा है मुझे
मेरे मन के साहिल का छोर हो तुम।
मुझे तुमसे बेहद मोहब्बत है
मेरी आशिक़ी हो तुम।
मेरी हर एक ख्वाहिश तुमसे है
मेरे जीने की वजह ,मेरी ज़िन्दगी की ज़रूरत हो तुम।
.. कुमार शशि..... 
#_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡

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