​ये रात है..या तुम्हारी ज़ुल्फ़ें खुली हुई .. ✍ - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
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​ये रात है..या तुम्हारी ज़ुल्फ़ें खुली हुई .. ✍

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​ये रात है, या तुम्हारी ज़ुल्फ़ें खुली हुई .. 
है चाँदनी तुम्हारी नज़रों से, मेरी राते धुली हुई ..
ये चाँद है, या तुम्हारा कँगन सितारे हैं ..
या तुम्हारा आँचल हवा का झोंका है..
या तुम्हारे बदन की खुशबू ये पत्तियों की है सरसराहट..
के तुमने चुपके से कुछ कहा ये सोचता हूँ मैं ..
कब से गुमसुम कि जबकी मुझको भी ये खबर है..
कि तुम नहीं हो, कहीं नहीं हो मगर ये दिल है ...
कि कह रहा है तुम यहीं हो, यहीं कहीं हो.....
... कुमार शशि..... 
#_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡
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