ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया...
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया...
यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया...
कभी तक़दीर का मातम कभी दुनिया का गिला
मंज़िल-ए-इश्क़ में हर गाम पे रोना आया...
मुझ पे ही ख़त्म हुआ सिलसिला-ए-नौहागरी
इस क़दर गर्दिश-ए-अय्याम पे रोना आया...
जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का 'कुमार'
मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया...
. कुमार शशि..... #dedicated ♡My Love♡ #_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡
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