​इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ . क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ.....✍ - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
​इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ . क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ.....✍

​इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ . क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ.....✍

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इस से पहले कि बेवफा हो जाएँ
क्यूँ न ए दोस्त हम जुदा हो जाएँ
तू भी हीरे से बन गया पत्थर
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ
हम भी मजबूरियों का उज़्र करें
फिर कहीं और मुब्तिला हो जाएँ
अब के गर तू मिले तो हम तुझसे
ऐसे लिपटें तेरी क़बा हो जाएँ. (क़बा=ड्रेस)
बंदगी हमने छोड़ दी फ़राज़
क्या करें लोग जब खुदा हो जाएँ
..... कुमार शशि.....
#_तन्हा_दिल.....✍Meri Qalam Mere Jazbaat ♡

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