​मुहब्बत का ज़ज्बा जगा कर के देखो कभी दिल को तुम दिल बनाकर के देखो....✍ - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
​मुहब्बत का ज़ज्बा जगा कर के देखो कभी दिल को तुम दिल बनाकर के देखो....✍

​मुहब्बत का ज़ज्बा जगा कर के देखो कभी दिल को तुम दिल बनाकर के देखो....✍

Share This
​मुहब्बत का ज़ज्बा जगा कर के देखो
कभी दिल को तुम दिल बनाकर के देखो
हो तुम भी तभी तक कि जब तक कि हम हैं
न मानों तो हमको मिटाकर के देखो
कोई मुझपे इल्ज़ाम भरने से पहले
वफ़ायें मेरी आज़मा कर के देखो
ख़ुलूसो, मुहब्बत है क्या चीज़ ज़ाहिद
कभी मयकदे में ये आकर दे देखो
तुम्हें हम तो अपना बनाये हुए हैं
हमें तुम भी अपना बनाकर के देखो
न मिट जाये ग़म तो है ये मेरा ज़िम्मा
मगर शर्त है जाम उठाकर के देखो
भुलाना हमें इतना आसाँ नहीं है
है आसाँ तो हमको भुलाकर दे देखो
सियासत में कुमार शशि बाज़ीगरी का
तमाशा क़रीब और जाकर के देखो
..... कुमार शशि.....
#_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡

No comments:

Post a Comment

Pages