​सीने से लगा के कहा करती थी माँ मुझ को तू लाल है मेरा ना सता मुझको...✍ मेरी माँ  - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
​सीने से लगा के कहा करती थी माँ मुझ को तू लाल है मेरा ना सता मुझको...✍ मेरी माँ 

​सीने से लगा के कहा करती थी माँ मुझ को तू लाल है मेरा ना सता मुझको...✍ मेरी माँ 

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सीने से लगा के कहा करती थी माँ मुझ को
तू लाल है मेरा ना सता मुझको
पछताएगा इक दिन जब मैं चली जाऊँगी
ना चाहते हुए भी अकेला छोड़ जाऊँगी
ज़माना दिखाएगा गर्मी की शिद्दत तुझको
याद करके रोएगा तू फिर मुझको
मुद्दत से मेरी माँ ने सीने से नहीं लगाया
अब सो गयी ख़ाक में जब कुछ कहने का वक़्त आया
..... कुमार शशि.....
#_माँ ...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡

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