एक तू ही है जिंदगी के लिए ,♡ मिल जाये तू दो घडी के लिए ! - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
एक तू  ही  है  जिंदगी   के   लिए ,♡ मिल  जाये  तू  दो  घडी  के  लिए !

एक तू ही है जिंदगी के लिए ,♡ मिल जाये तू दो घडी के लिए !

Share This
एक तू  ही  है  जिंदगी   के   लिए ,♡
मिल  जाये  तू  दो  घडी  के  लिए !
ना  गम - ए - दर्द का  परवाह  हमे ,
मै तड़पता  हूँ अब  खुदी  के लिए !♡
इतनी  हसरते   है  कर  लिए  पैदा ,
बस  अपनी  ही  जिंदगी  के  लिए !♡
एक  तू  ही तो है  मेरा  बस  हबीब , 
बन जा जिंदगी  मौसिकी  के लिए !♡
ऐसा  मौसम है  रिक्ज ए गंदूमी का ,
लब तरस ही गए  तिश्रगी  के लिए !♡
हूँ  दहकां  तो  ये  मेरा  गुनाह  नही ,
दे दो मुझे रिक्ज ए गंदूमी  के लिए !
पुरखार ए जीस्त  है मेरा तो  हबीब ,
दिखा राह मुझे भी रोशनी  के लिए !
उड़ गए घर के पंछी  सभी अब तो ,
बन जा  खुदा  मुफलिसी  के लिए !
ना देना मुझे फिर से गम तू  हमदम ,
बन कुमार लज्जते जिंदगी के लिए !
       ••• कुमार शशि •••
मौसिकी - संगीत, तिश्रगी - प्यास, हबीब - प्रिय, मुफलिसी - दरिद्रता, रिक्ज - निवाला , गंदूमी - अनाज, लज्जते - आनंद
- #Dedicated ♡एक गजल तुम्हारे नाम ♡

No comments:

Post a Comment

Pages