The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets: shams farrukhabadi
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न कोई अपना ग़म है और न अब कोई ख़ुशी अपनी शम्स फ़र्रुख़ाबादी

September 17, 2018 0
तुम्हीं कह दो कि हम कैसे गुज़ारें ज़िंदगी अपनी  और नई शायरी पढ़ें अपनी हिन्दी एवं उर्दू भाषा में हमारे इस ब्लॉगर पर :- The spirit of ...
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चाँद तारों ने भी जब रख़्त-ए-सफ़र खोला है शम्स फ़र्रुख़ाबादी

September 17, 2018 0
चाँद तारों ने भी जब रख़्त-ए-सफ़र खोला है  और नई शायरी पढ़ें अपनी हिन्दी एवं उर्दू भाषा में हमारे इस ब्लॉगर पर :- The spirit of ghazals-...
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