The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets: हवा बन के बिखरने से उसे क्या फर्क पड़ता है
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​♡ हवा बन के बिखरने से उसे क्या फर्क पड़ता है. मेरे जीने या मरने से उसे क्या फर्क पड़ता है ......✍♡

November 23, 2016 0
​हवा बन के बिखरने से उसे क्या फर्क पड़ता है मेरे जीने या मरने से उसे क्या फर्क पड़ता है  उसे तो अपनी खुशियों से जरा फुर्सत नही मिलती  ...
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