माँ मुझे छुपा लो बहुत डर लगता है।।।
और नई शायरी पढ़ें अपनी हिन्दी एवं उर्दू भाषा में हमारे इस ब्लॉगर पर :-The spirit of ghazals-लफ़्ज़ों का खेल
माँ मुझे छुपा लो बहुत डर लगता है।।। माँ तुझे
याद है तेरे आँगन में
चिड़िया सी फुदक रही थी..
ठोकर खा के मै जमीन पर गिर
रही थी
दो बूँद खून की देख के माँ तू
भी रो पड़ती थी माँ तूने तो मुझे फूलों की तरह
पाला था
उन दरिंदों का आखिर मैंने
क्या बिगाड़ा था क्यूँ वो मुझे इसतरह
मसल कर चले गए
बेदर्द मेरी रूह को कुचल कर चले गए ..
माँ तू तो कहती थी की अपनी गुडिया को मै
दुल्हन बनाएगी
मेरे इस जीवन को खुशियों से
सजाएगी।।
माँ क्या वो दिन
जिन्दगी कभी ना लाएगी .. माँ क्या तेरे घर अब
बारात न
आएगी …?
माँ खोया है जो मैंने क्या फिर से
कभी न पाऊँगी…?
माँ सांस तो ले रही हूँ
क्या जिन्दगी जी पाऊँगी …? माँ घूरते हैं सब
अलग ही नज़रों से ..
माँ मुझे उन नज़रों से छुपा ले
माँ बहुत डर लगता है
मुझे आँचल में छुपाले …..
Kumar_Shashi®™..
#_तन्हा_दिल…✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡
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