tumhe dekh ho jaayen
तुम्हारी आखें मुशायरा,,
तुम्हारे होंठ कवि सम्मेलन,,
तुम्हारे होंठ कवि सम्मेलन,,
तुम्हारी सासों में महके,,
शाम-ए-सुखन,,
गालिब की गजलें,,
जुल्फें तुम्हारी,,
खय्याम की रुबाई सा,,
तुम्हारा बदन,,
रुखसार की लाली,,
कोई थिरकती कव्वाली,,
छेड़े सुर सुनहरे,,
तेरे कानों की बाली,,
गले की बनावट,,
जैसे मीर की लिखावट,,
आवाज में खनके,,
मीरा की आहट,,
पलकों के इशारों में,,
नगमा निराला,,
दामन को संवारे,,
बच्चन की मधुशाला,,
कंधे से दुपट्टा,,
सरके जो हल्के,,
मेरा दिल तो बस,,
तेरे कदमों में ठहरे,,
पायलों में तेरी झनके,,
गजब के तराने,,
तुम्हें देख हो जायें,,
शायर दिवाने !
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