चले आना सजन नगरिया में - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
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चले आना सजन नगरिया में

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चले आना सजन नगरिया में 


गीत -चले आना सजन नगरिया में ,
दिनांक -१५ -९ -२०१७ 
चले आना सजन नगरिया में
लेख :-अर्चना तिवारी
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चले आना सजन नगरिया में ,
पता दे दूंगी तुमको बजरिया में।

महलो पे आना दुमहलों पे आना
और चले आना अटरिया पे ,
आप भी आना नथिया भी लाना,
संग हीरे जड़े हो नथनिया में।

चले आना सजन नगरिया में ,
पता दे दूंगी तुमको बजरिया में।

बागों में आना बगीचों में आना ,
और चले आना फुलवरिया में ,
आप भी आना संग पैजनी लाना ,
संग घुंघरू लगे हों पैजनिया में।

चले आना सजन नगरिया में ,
पता दे दूंगी तुमको बजरिया में।


नदी पे आना नालों पे आना ,
और चले आना कुअनों पे ,
आप भी आना करधन भी लाना ,
संग मोती लगी हो करधनिया में।

चले आना सजन नगरिया में ,
पता दे दूंगी तुमको बजरिया में।

********अर्चना तिवारी********
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