साकार स्वपन सारे हो जाएंगे आस होता है। - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
साकार स्वपन सारे हो जाएंगे आस होता है।

साकार स्वपन सारे हो जाएंगे आस होता है।

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साकार स्वपन सारे हो जाएंगे आस होता है।

साकार स्वपन सारे हो जाएंगे आस होता है। 

साथ तेरे बीता हरपल ही बहुत खास होता है। 

यकीन डूबती नाव को भी किनारा मिल जायेगा ,

अगर चाहने वाला मांझी उसके पास होता है।

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