जब मैं तेरा गीत लिखने लगी......काग़ज़ के उपर उभर आयीं ...... केसर की लकीरें..... सूरज ने आज मेहंदी घोली..... हथेलियों पर रंग गयी, हमारी दोनो की तकदीरें...... पर तकदीरों का लिखा कौन पढ़ पाया........ ..... कुमार शशि..... #dedicated ♡My Love♡ #_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡
No comments:
Post a Comment