​मेरे हिसाब से , कुछ  ऐसा भी  होना चाहिए ..✍ - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
मेरे हिसाब से , कुछ  ऐसा भी  होना चाहिए ,
सहन से हो दर्द  बाहर , थोड़ा  रोना चाहिए ! 
क्यों जागकर रातों में  गिनवाते कमजोरीयाँ ,
थक से  गए है हम अब , हमे  सोना चाहिए !
दौड़  लगवाया है अब खुदा ने, हमारे  बीच ,
पुरस्कार जीत का हमे, अब छोड़ना चाहिए !
त्यागा था खुदा, ख़ुशी के लिए फर्ज अपना ,
मेरा फर्जो से भरा मुझे  वो  जमाना चाहिए !
खुश नही था  मजमून तेरे आलिशां कस्र में ,
भटका हूँ बहुत  मेरा झोपडी पुराना चाहिए !
है  जुस्तजू   ए  कलीसा  ना  मिला  हमको ,
पुनः मुझमे दुःख -ए- उफ़ुक़  आना चाहिए !
ना टला  दर्द ए जीस्त तो हुआ मन मेरा भी ,
'कुमार'  को फिर नया एक जमाना चाहिए !
..... कुमार शशि®™.....
#_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡

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