​सुखे पत्तो की तरह बिखरा हुआ था मैं - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
​सुखे पत्तो की तरह बिखरा हुआ था मैं

​सुखे पत्तो की तरह बिखरा हुआ था मैं

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​सुखे पत्तो की तरह बिखरा हुआ था मैं 
किसी ने बङे प्यार से समेटा और फिर आग लगा दी...
..... कुमार शशि.....
#_तन्हा_दिल...✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡

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