मन की मोहन हो गई हो , दिल की धड़कन हो गई हो ! - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
मन  की  मोहन  हो  गई  हो ,  दिल की  धड़कन हो गई हो !

मन की मोहन हो गई हो , दिल की धड़कन हो गई हो !

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​एक गजल
मन  की  मोहन  हो  गई  हो ,
दिल की  धड़कन हो गई हो !
बदन महकने लगा मेरा अब ,
लगता है  चन्दन  हो  गई हो !
दिल हो गया  बेबस अब तो ,
कुछ तो  दुश्मन  हो  गई हो !
क्यों बस रहे  दिल में अरमां ,
घर की   आंगन  हो  गई हो !
ना छुपाओ कुछ मुझसे अब ,
आंखो से  सावन हो  गई हो !
रोकर  निखरी हो  जैसे  की ,
दिल से  पावन  हो  गई  हो !
चलने का हौसला मिले मुझे ,
कुमार की बन्धन हो गई हो !
   ••• कुमार शशि•••
- #Dedicated ♡ My Love ♡

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