The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets: thespiritofghazals
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​​अब क्या सोचें क्या हालात थे किस कारण ये ज़हर पिया है✍

December 09, 2016 0
​​अब क्या सोचें क्या हालात थे किस कारण ये ज़हर पिया है.. हम ने उस के शहर को छोड़ा और आँखों को मूँद लिया है.. अपना ये शेवा तो नहीं था अ...
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​दुनिया कहीं जो बनती है मिटती ज़रूर है.. कुमार शशि..... #_तन्हा_दिल...✍

December 09, 2016 0
दुनिया कहीं जो बनती है मिटती ज़रूर है... पर्दे के पीछे कोई न कोई ज़रूर है... जाते हैं लोग जा के फिर आते नहीं कभी दीवार के उधर कोई बस्त...
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