Top & Best Collection Heart Touching Shayari,Poetry & Poems on Mother in Hindi ‘माँ’ पर कही गई शायरियों का संकलन - The Spirit of Ghazals - लफ़्ज़ों का खेल | Urdu & Hindi Poetry, Shayari of Famous Poets
Top & Best Collection Heart Touching Shayari,Poetry & Poems on Mother in Hindi  ‘माँ’ पर कही गई शायरियों का संकलन

Top & Best Collection Heart Touching Shayari,Poetry & Poems on Mother in Hindi ‘माँ’ पर कही गई शायरियों का संकलन

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Top & Best Collection Heart Touching Some Best Lines on Mother Shayari,Poetry & Poems in Hindi  or Maa Quotes In Hindi

‘माँ’ पर कही गई शायरियों का संकलन

Heart Touching Some Best Lines on Mother or Maa Quotes In Hindi

और नई शायरी पढ़ें अपनी हिन्दी एवं उर्दू भाषा में हमारे इस ब्लॉगर पर :-The spirit of ghazals-लफ़्ज़ों का खेल

“माँ ” एक शब्द जिसमें सारा संसार व्याप्त है। संसार को चलाने वाली, बच्चों के लिए संसार से लड़ आने वाली, अपनी हर संतान को बराबर प्यार देने वाली, एक इन्सान की पहली गुरु। माँ जो सारी उम्र अपने परिवार के लिए समर्पित कर देती है। लेकिन उसके मन में कभी कोई लालच नहीं आता। अगर कोई लालच होता है तो बस इतना की उसकी संताने हर खुशियों का आनंद लें। हम सब अपनी माँ को बहुत प्यार करते हैं। इसलिए मैं “माँ” को समर्पित यह ‘ माँ पर शायरी संग्रह ” तैयार किया है।
माँ पर शायरी संग्रह


हालातों के आगे जब साथ
न जुबाँ होती है,
पहचान लेती है ख़ामोशी में हर दर्द
वो सिर्फ “माँ” होती है।

मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है,
माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है।

स्याही खत्म हो गयी “माँ” लिखते-लिखते
उसके प्यार की दास्तान इतनी लंबी थी।

तेरे ही आँचल में निकला बचपन,
तुझ से ही तो जुड़ी हर धड़कन,
कहने को तो माँ सब कहते
पर मेरे लिए तो है तू भगवन।

जब भी बैठता हूँ तन्हाई में मैं तो उसकी यादें रुला देती हैं,
आज भी जब आँखों में नींद न आये तो उसकी लोरियां
मुझे झट से सुला देती हैं।

न जाने क्यों आज अपना ही घर मुझे अनजान सा लगता है,
तेरे जाने के बाद ये घर-घर नहीं खली मकान सा लगता है।

जब भी मेरे होठों पर झूठी मुस्कान होती है,
माँ को न जाने कैसे छिपे हुए दर्द की पहचान होती है,
सर पर हाथ फेर कर दूर कर देती है परेशानियाँ
माँ की भावनाओं में बहुत जान होती है।

गम हो, दुःख हो या खुशियाँ
माँ जीवन के हर किस्से में साथ देती है,
खुद सो जाती है भूखी
पर और बच्चों में रोटी अपने हिस्से की बाँट देती है।

कैसे भुला दूँ मैं अपने पहले प्यार को
कैसे तोड़ दूँ उसके ऐतबार को,
सारा जीवन उसके चरणों में अर्पण कर दूँ
छोड़ दूँ उसकी खातिर मैं इस संसार को।

एक दुनिया है जो समझाने से भी नहीं समझती,
एक माँ थी बिन बोले सब समझ जाती थी।

उसकी दुवाओं में ऐसा असर है कि सोये भाग्य जगा देती है,
मिट जाते हैं दुःख दर्द सभी, माँ जीवन में चार चाँद लगा देती है।

माँ ने तो उम्र भर संभाला ही था
हमें तो जिंदगी ने रुलाया है,
कहाँ से पड़ती काँटों की आदत हमें
माँ ने हमेशा अपनी गोद में सुलाया है।

उसके रहते जीवन में कोई गम नहीं होता,
धोखा भले ही दे-दे ये दुनिया
पर माँ का प्यार कभी कम नहीं होता।

न जाने क्यों आज के इंसान इस बात से अनजान हैं,
छोड़ देते हैं बुढ़ापे में जिसे वो माँ तो एक वरदान है।

उसके आँचल में मुझे बहुत सुकून मिलता है,
जिंदगी खुशनुमा लगती है जीने का जुनून मिलता है।

बिन बताये वो हर बात जान लेती है,
माँ तो माँ है
मुस्कुराहटों में गम पहचान लेती है।

जब भी गंदा होता हूँ मैं वो साफ़ कर देती है,
अपनी हर संतान के साथ इन्साफ कर देती है,
नाराज होना तो फितरत होती है औलादों
माँ से जब भी माफ़ी मांगो हर खता माफ़ कर देती है।

जन्नत है माँ के पैरों में क्यों छोड़ कहीं और जाऊं मैं
मेरे सिर पर साया बना रहे हर पल बस यही मनाऊं मैं।

आजमा कर देखा जब जग में औरत कब बनती महान है,
भगवान से भी वो लड़ सकती इतनी प्यारी संतान है।

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